हमारे पुर्खोने गलती की , हम सुधरेंगे !
जिन्हा, गाँधी, आंबेडकर ने बहुत बड़ी गलती की है , हिंदुस्तानी वही जो ब्राह्मण नहीं कहने के बजाय उन्होंने दो देश ,आरक्षण को मान्य किया !
जिन्हा , गाँधी , आंबेडकर ये सभी मुलभारतीय , गैर ब्राह्मण , हिंदुस्तानी थे जो आज़ादी के पहले देश के बड़े , महान नेता माने जाते थे। गाँधी अपने आप को पुरे हिंदुस्तान के नेता मानतेथे और जिन्हा खुद को हिंदुस्तान के पुरे मुस्लिमो के नेता मानतेते वही आंबेडकर अपने आप को हिंदुस्तान के पुरे अस्पृश्य समाज के नेता मानतेथे पर इनके दिमाग में ये बात कभी नहीं आयी के वे मूलतः मुलभारतीय है , गैर ब्राह्मण और हिंदुस्तानी है उन सभी की संख्या ९७ प्रतिशत है और विदेशी ब्राह्मण धर्मी केवल ३ प्रतिशत है वही हिंदुस्तान और हिंदुस्तानी लोगो के वस्तुता अरब आक्रमण , ब्रिटिश सत्ता के पहले से शोषण करते रहे है और सब से ज्यादा इन्ही ३ प्रतिशत विदेशी ब्राह्मण धर्मी लोगो के कारण पूरा हिंदुस्तान परेशां है।
जब सुधारणावादी ब्रिटिश लोग हिंदुस्तान छोड़ कर जाना चाहते थे तब यही लोग ब्रिटिश सत्ता के साथ बातचीत कर रहे थे तब इन्होने मुस्लिम , गई मुस्लिम के लिए हिंदुस्तान के विभाजन पर दो देश को सम्मति दी और आंबेडकर ने आरक्षण , स्वतंत्र मतदार संघ की मांग रखी। इन लोगो के दिमाग में ये बात नहीं आयी की सबसे पहले ब्रिटिश सत्ता से कहा जाए ३ प्रतिशत विदेशी ब्राह्मण धर्मी लोगो को देश से निकाला जाए ताकि हिंदुस्तान को सही मायने में आज़ादी मिले। अगर ये होता तो ना द्विराष्ट्र की जरुरत होती नाही आरक्षण की। क्यों की उस हालत में हिंदुस्तान एक गैर ब्राह्मण , ब्राह्मण अधर्म मुक्त , नेटिव नेशन होता , हिंदुस्तान होता !
पर गाँधी को भारत का राष्ट्रपिता बनाने का मोह हो गया , जिन्हा को पाकिस्तान की पिता होना था और आंबेडकर को दलितों का मसीहा ! भाड़ में गया अखंड हिंदुस्तान , भाड़ में जाए इस देश का असली मुद्दा विदेशी ब्राह्मण , ब्राह्मण अधर्म !
जिन्हा , गाँधी , आंबेडकर तो बड़े हो गए , महात्मा , कायदे आज़म हो गए , राष्ट्रपिता , संविधान के पिता , भारत भाग्य विधाता हो गए पर हिंदुस्तान का , हिन्दू का उज्जवल भाग्य ना बना सके ! हम इनकी गलती को कब तक भुगतते रहेंगे ?
नेटिविस्ट डी डी राउत ने नारा दिया है विदेशी ब्राह्मण भारत छोडो , क्विट इंडिया ! हिन्दू वोही , जो ब्राह्मण नहीं ! हिंदुतानि वही जो ब्राह्मण नहीं ! जनेऊ छोडो , भारत जोड़ो !
हमें ब्राह्मण अधर्म मंजूर नहीं , ब्राह्मण की वर्ण , जाती वेवस्था मंजूर नहीं , वे विदेशी थे , है , रहेंगे ! हमारी मांग है विदेशी ब्रह्मिन भारत छोडो ! ब्राह्मण धर्म और हिन्दू धर्म अलग अलग है , हिन्दू धर्म का एक मात्र धर्म ग्रन्थ है कबीर का बीजक !
हमारे पुर्खोने गलती की , हम सुधरेंगे !
नेटिविस्ट डी डी राउत ,
अध्यक्ष ,
नेटिव रूल मूवमेंट #NRM